सेम मुखेम मेला का हुआ धूम धाम से अयोजन
उत्तराखंड: टिहरी जिले में शुक्रवार को आयोजित हुए सेम मुखेम मेले (Sem Mukhem Mela) में देव डोलियों का नृत्य देखने के लिए भक्तों की भारी संख्या में भीड़ पहुंची। इसके साथ ही नागराजा मेले का देवों की डोलियों के नृत्य, निशान और ध्याणियों के मिलने और तीन साल बाद फिर से मिलने के वादे के साथ धूम धाम से समापन हुआ। सुबह चार बजे से ही नागराजा मंदिर में नागराजा भगवान के दर्शन कर के लिए भक्तों की भीड़ इक्कठा होनी शुरू हो गई थी।ये भी पढ़ें: उत्तराखंड: पहाड़ी इलाकों में सिलेंडर लादने का बोझ होगा कम, उत्तराखंड के 9 जिलों में सीएनजी गैस पाइपलाइन बिछेगी
शुक्रवार को आयोजित हुए दो दिवसीय सेम-नागराजा त्रैवार्षिक जात्रा का समापन शानदार तरीके से हुआ। मंदिर के मुख्य पुजारी लक्ष्मी प्रसाद सेमवाल जी ने बताया कि सेम मुखेम मेले (Sem Mukhem Mela) में टिहरी जिले के अलावा उत्तरकाशी, पौड़ी, चमोली और उत्तराखंड के कई हिस्सों से लोग दर्शन के लिए पहुंचे। सुबह 10 बजे सेम-नागराजा के निशान, डोली मड़भागी सौड़ पहुंचे। मुखमालगांव की देव डोलियों के साथ वहां के गांव के लोग लाठियों के साथ नृत्य कर रहे थे। मुख्य पंडाल में गायिका पूनम सती और उनके साथी कलाकारों ने भजन व लोकगीत गाकर अपनी प्रस्तुति दी।
कैसे हुई थी सेम मुखेम मेले की शुरुआत
माना जाता है कि जब श्री कृष्ण भगवान ने यहां पर अवतार लिया था, तो वीरभड़ गंगू रमोला से उन्होंने वहां रहने के लिए जगह मांगी थी। लेकिन गंगू रमोला ने उन्हें रहने के लिए जगह देने से इंकार किया। गंगू रमोला का कोई पुत्र नहीं था। भगवान श्री कृष्ण ने गंगू रमोला को सपने में अपने दर्शन देकर उसे दो पुत्रों की प्राप्ति होने का वरदान दिया। जिसके बाद गंगू रमोला ने भगवान श्रीकृष्ण को यहां भूमि प्रदान की। जिसके बाद उस भूमि पर भगवान श्री कृष्ण ने रासलीला रचाई। तब से उस स्थान पर हर तीसरे वर्ष सेम मुखेम मेले (Sem Mukhem Mela) का आयोजन होता है।
शुक्रवार को हुए सेम मुखेम मेले (Sem Mukhem Mela) के दौरान भक्तों की भीड़ इतनी ज्यादा थी कि उनको कई बार जाम जैसी समस्या से जूझना पड़ा। रास्तों पर कई जगहों पर जाम लगने को लेकर लोगों ने पुलिस के ट्रैफिक प्लान पर सवाल उठाए। मुखेम गांव से मड़भागी सौड़ तक तीन किमी तक जाम लगा रहा। भक्तों को तीन चार घंटे तक जाम में फंसे रहना पड़ा।
सीएम धामी ने भी किए सेम मुखेम धाम के दर्शन
सेम मुखेम मेले (Sem Mukhem Mela) में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भगवान नागराजा के धाम सेम मुखेम को उत्तराखंड के छठवें धाम के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा, जिसके लिए सरकार तेजी से प्रयास करेगी। सीएम धामी ने सेम-मुखेम धाम को राज्य स्तरीय मेला घोषित किया, डोबरा-चांठी पुल से लंबगांव मोटर मार्ग और जाख से डोबरा मोटर मार्ग के चौड़ीकरण और डामरीकरण करने की घोषणा भी की। सीएम ने कहा कि सेम मुखेम मंदिर (Sem Mukhem temple) के रास्ते का चौड़ीकरण और सुधारीकरण किया जाएगा ताकि भक्तों को आने जाने में कठिनाई का सामना न करना पड़े।
इसके साथ ही सीएम धामी ने सेम मुखेम मेले (Sem Mukhem Mela) नागराजा भगवान की डोली और निशानों से आशीर्वाद ग्रहण किया। प्रतापनगर के विधायक विजय सिंह पंवार ने सीएम धामी को चांदी का मुकुट उपहार स्वरूप भेंट किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार ने सेम-मुखमे धाम (Sem Mukhem Dham) को छठे धाम के रूप में आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। जिला पंचायत की अध्यक्ष सोना सजवाण बोली कि पिछले पांच साल में सरकार ने प्रत्येक वर्ग का उद्धार किया है।
