रुद्रप्रयाग: रूद्रप्रयाग के तल्लानागपुर के चोपता में पॉलिटेक्निक कॉलेज की हालत बदतर है। हालात ये हैं कि पिछले सात सालों से सात किराए के कमरों पर कॉलेज चल रहा है। फॉरेस्ट एक्ट लागू होने की वजह से संस्थान का कार्य अधूरा ही रह गया है और इसका परिणाम यहां शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को भुगतनी पड़ रही है।
साल 2014 में कांग्रेस सरकार के नेतृत्व में चोपता में पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। शुरुआत में संस्थान चलाने के लिए चोपता बाजार में सात कमरों को किराए पर लिया गया और पहले 26 सीटों पर एडमिशन उपलब्ध कराए गए। उन सभी 26 सीटों पर छात्रों की तो पूर्ति हो गई किंतु छात्रों के लिए सरकारी संस्थान भवन का निर्माण सात साल गुजर जाने के बाद भी ना हो सका।
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चोपता बाजार से 1 किमी आगे कुंडा दानकोट गांव में पॉलिटेक्निक संस्थान भवन निर्माण के लिए 2 हेक्टेयर भूमि को खरीदा गया था। वहीं सरकार द्वारा 4 करोड़ की लागत स्वीकृत की गई थीं। करीब डेढ करोड़ रुपए खर्च कर भवन का भूतल तैयार किया गया। और उसके बाद सामने आया कि चयनित 2 हेक्टर भूमि संस्थान के नाम हस्तांतरित नहीं हुई है। जिसके बाद से ये काम अधूरा लटका हुआ है और संस्थान जैसे तैसे किराए के कमरों पर चल रहा है।
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