पहले भी कई बार हो चुका है एमआई-17 क्रैश
तमिलनाडु के कन्नूर के जंगलों में हुए हवाई हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत उनकी पत्नी समेत 14 लोग सवार थे जिनमें से सीडीएस बिपिन रावत समेत 13 की मौत हो चुकी है। सभी सैन्य अधिकारियों को ले जा रहा ‘एमआई-17वी-5’ हेलीकॉप्टर (MI-17 Helicopter crash) जो कि भारत का सबसे ताकतवर और सबसे सुरक्षित हेलीकॉप्टर माना जाता है उसके इस प्रकार से अचानक दुर्घटनाग्रस्त होने पर सैन्य बलों के विमानों की सुरक्षा पर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। तीनों सेनाओं के विमान लगातार हादसे के शिकार हो रहे हैं।
पिछले दस सालों में घटित सैन्य विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने पर नजर डालें तो लगभग 20 सैन्य विमान हर साल दुर्घटनाग्रस्त होते हैं। इतना ही नहीं इस वजह से भारत को बड़े बड़े सैन्य अधिकारी भी खोने पड़े। इसी प्रकार से अगर पुराने बड़े हादसों को याद किया जाए तो 22 नवंबर 1963 में पुंछ में आज तक सबसे बड़ा भयानक हवाई हादसा हुआ था।
जिसमें की हमें 6 बड़े सेना के अधिकारी लेफ्टीनेट जनरल दौलत सिंह, लेफ्टीनेंट जनरल विक्रम सिंह, मेजर जनरल एनडी नानावटी, ब्रिगेडियर राम ओबेरॉय, पश्चिमी एयर कमान के प्रमुख एयरवाइस मार्शल ईडब्ल्यू पिंटो और फ्लाइट लेफ्टिनेंट एसएस सोढ़ी को खोना पड़ा था। बुधवार का हुआ भयानक हादसा पुंछ में हुए हादसे की यादें ताजा करवाता है। इसी प्रकार के हादसे में 1942 में लेफ्टिनेंट जनरल एसएम नागेश और मेजर जनरल केएस तीमैया जैंसे बड़े ऑफिसरों की जान गई थी।
पिछले दस सालों 7 ‘एमआई-17’ हुए दुर्घटनाग्रस्त
एमआई-17 (MI-17 Helicopter crash) को भारत का सबसे ताकतवर और सुरक्षित हेलीकॉप्टर माना जाता है लेकिन सच्चाई कुछ और ही बयां करती है। पिछले दस साल के आंकड़ों को निकालकर देखें तो कल वाले हादसे को मिलाकर कुल 7 एमआई-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त के शिकार हुए।
ये हादसे अलग अलग जगहों पर हुए, अप्रैल 2018 में केदारनाथ, अक्तूबर 2017 में अरुणाचल प्रदेश, जून 2013 में उत्तराखंड, नवंबर 2010 और अप्रैल 2011 में तवांग और अगस्त 2012 में जामनगर में एमआई-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुए। इन सभी हादसों में लगभग 50 सेना के अधिकारियों की जान गई और कल के हादसे के बाद एमआई-17 (MI-17 Helicopter crash) के दुर्घटनाग्रस्त होने पर होने वाली मौतों में इजाफा हो गया।
अब सरकार के सेना के सबसे ताकतवर और सुरक्षित विमानों के रखरखाव और उनके सही देखरेख पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इतनी अच्छी सैन्य सुरक्षा और प्रशिक्षण के बावजूद इस तरह की दुर्घटनाएं लगातार होना अपने आप में एक सोचनीय और चिंता का विषय बन गया है। सरकार को पायलट के अच्छे प्रशिक्षण पर और विमानों की सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाने की जरूरत है ताकि इस प्रकार के हादसों से बचा जाए।
