बूढ़े माता पिता को लोगों ने छोड़ा नशा मुक्ति केंद्र में
देहरादून में प्रशासन की टीम ने गुरुवार को एक बार फिर शहर के तीन नशा मुक्ति केंद्रों पर छापा मारा। यहां पर छापा मारने से पता लगा कि यहां मानसिक रोगियों के साथ परिवार से निकाले हुए बूढ़े लोग भी रहते हैं। जिला प्रशासन ने इन मानसिक रोगियों को वहां से मानसिक रोग अस्पताल भेजने का आदेश दिया। इसके साथ ही नशा मुक्ति केंद्रों को चेतावनी जारी की। डॉ. आर राजेश कुमार जो की जिलाधिकारी हैं उन्होंने बताया कि सिटी मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान और एसपी सिटी सरिता डोभाल की टीम फिलहाल कार्रवाई करने में जुटी है।
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इसी प्रकार से सहस्त्रधारा रोड और राजपुर इलाके में संचालित नवचेतना, ब्राइट फ्यूचर और नवकिरन नशा मुक्ति केंद्रों में छापा मारा गया।
ब्राइट फ्यूचर में जांच से पता चला कि यहां एक मानसिक रोगी और दो बुजुर्ग व्यक्तियों को रखा गया था। निरीक्षण के दौरान प्रशासन की टीम ने पाया कि नशामुक्ति केन्द्र बायलॉज के अनुसार संचालित नहीं हो पा रहे हैं। जिस पर केन्द्र संचालकों को सभी विवरण प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए। इससे पहले इस टीम ने शहर की अन्य चार नशा मुक्ति केंद्रों को बंद कराने का काम किया।
अलग अलग क्षेत्रों में बने नशा मुक्ति केंद्र नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। यातना गृह शब्द ही शायद इन तथाकथित नशा मुक्ति केंद्रों के लिए ठीक है। इसकी पुष्टि पिछले कुछ बीते दिनों में सामने आए कई मामलों से भी होती है। कहीं पर युवतियों ने उनके साथ दुष्कर्म के आरोप लगाए तो कहीं से युवक भी यातनाओं से तंग आकर भाग गए।
पिछले कुछ महीनों की बात करें तो देहरादून के नशा मुक्ति केंद्रों से 30 से अधिक युवक और युवतियां भागने में सफल रहे। पकड़े जाने पर उन्होंने परिजनों और पुलिस बयान देते हुए कहा कि वहां पर उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। न तो वहां पर डॉक्टर की व्यवस्था है और न ही किसी प्रकार की काउंसिलिंग की। नशे के आदी लोगों को तो यह यातना बहुत भारी पड़ती है। फिर ऐसे में कुछ लोग अपने बूढ़े माता पिता को भी नशा मुक्ति केंद्रों में छोड़कर आ रहे हैं।