बूढ़ दादी रेस्टोरेंट से की कपिल डोभाल ने खास पहल की शुरुआत
आज के दौर में भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में युवा पीढ़ी का फास्ट फूड और स्ट्रीट फूड की तरफ आकर्षण दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। इसी प्रचलन को देखते हुए अब गढ़वाली स्टाइल में बने व्यंजन भी फास्ट फूड को टक्कर दे रहे हैं। इसकी शुरुआत चकबंदी आंदोलन को तेजी देने वाले कपिल डोभाल (Kapil Dobhal) हैं, जो मोमो , चाउमीन , थुप्पा जैसे प्रसिद्ध फास्ट फूड को टक्कर देते हुए गढ़वाली व्यंजनों को नए और ऑर्गेनिक उत्पाद के रूप में उत्तराखंड में प्रसिद्ध कर रहे हैं। कपिल डोभाल (Kapil Dobhal) ने अपने रेस्टोरेंट की शुरुआत हरिद्वार रोड़ जोगीवाला में की।कपिल डोभाल (Kapil Dobhal) द्वारा गांव के उत्पादों को आगे बढ़ाने की मुहिम तारीफ के लायक है और सभी उत्तराखंड के लोग उनकी सरहाहना भी कर रहे हैं। अपने मुख्य पहाड़ी व्यंजनों के बारे में कपिल डोभाल (Kapil Dobhal) ने बताया कि उनकी पत्नी दीपिका डोभाल (Deepika Dobhal) ने उनके उन पकवानों को नए तरीके से बनाने में मदद की जो लोगों को पसंद नहीं आ रहे थे। हरिद्वार रोड पर स्थित जोगीवाला में बने कपिल डोभाल के रेस्टोरेंट बूढ़ दादी का उद्धघाटन विधायक उमेश शर्मा काऊ और आंदोलनकारी सुशीला बलूनी ने किया।
विधायक उमेश काऊ ने कहा कि कपिल डोभाल (Kapil Dobhal) द्वारा वर्तमान समय की मांग और युवाओं के प्रचलन को देखकर पहाड़ी उत्पादों की शुरुआत करने की ये बहुत सुंदर पहल है। कपिल डोभाल (Kapil Dobhal) और उनकी पत्नी पहाड़ी पकवानों को पहाड़ी तरीके से बनाकर स्ट्रीट फूड के प्रति नया जोश पैदा कर रहे हैं। राज्य की आंदोलनकारी सुशीला बलूनी ने कहा कि यह पहला व अनूठा प्रयोग है। इससे राज्य के अन्य उत्पादकों में भी गांव के उत्पादों को बढ़ाने और सही देखभाल की प्रेरणा मिलेगी।
वहीं समाजसेवी उदित घिल्डियाल ने कहा कि ऑर्गेनिक उत्पादों से बने स्ट्रीट फूड स्वास्थ्य के हिसाब से फास्ट फूड में बेहतर है, कार्यक्रम में विनोद कुमार धस्माना, रोहित नेगी रीतू सजवाण भी मौजूद थे। ये मुख्य पहाड़ी व्यंजन दे रहे टक्कर
" ढुंगला, ढिंढका , गिंवली, जवलि, घीन्जा, सिडकु, बेडु रोटी, सोना आलू , करकरा पैतुड़, द्युडा, बदलपुर की बिरंजी, बडील, ल्याटू, पतुड़ी, टपटपि चा, पिट्ठलू, चर्चरी बर्बरी चटनी, बारहनाजा खाजा, चुनालि और घुमका।
